इण्टरव्यू (साक्षात्कार)

हिन्दी में इण्टरव्यू विद्या के प्रवर्तक पं० बनारसीदास चतुर्वेदी माने जाते हैं।इण्टरव्यू विद्या की प्रथम स्वतंत्र पुस्तक बेनीमाधव कृत ‘कवि दर्शन’ है।हिन्दी के कुछ महत्त्वपूर्ण साक्षात्कार निम्नलिखित हैं-
सम्पादक | इण्टरव्यू या साक्षात्कार |
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बनारसीदास चतुर्वेदी | (1) रत्नाकरजी से बातचीत (1931), (2) प्रेमचन्द के साथ दो दिन (1932)। |
प्रभाकर माचवे | (1) जैनेन्द्र के विचार (1939) |
श्री नरोत्तम नागर | अपने ही घर में सरस्वती का अपमान (1947) |
बेनी माधव शर्मा | कवि दर्शन |
पद्मसिंह शर्मा | मैं इनसे मिला (1955) |
देवेन्द्र सत्यार्थी | कला के साक्षात्कार |
रणवीर रांग्रा | (1) सृजन की मनोभूमि (1968), (2) साहित्यिक साक्षात्कार (1978)। |
वीरेन्द्र कुमार गुप्त | समय और हम |
रामावतार | समय, समस्या और सिद्धान्त |
सुरेश सिन्हा | हिन्दी कहानी और फैशन |
शरद देवड़ा | (1) हिन्दी की चार नवोदित लेखिकाओं से एक रंगमचीय काल्पनिक इंटरव्यू, (2) एक आलोचक की नोटबुक। |
लक्ष्मीचन्द्र जैन | भगवान महावीर एक इण्टरव्यू |
माजदा असद | मेरी मुलाकातें (1977) |
अज्ञेय | अपरोक्ष (1979) |
अमृता प्रीतम | शौक सुराही (1979) |
मनोहर श्याम जोशी | बातों बातों में (1983) |
कमलकिशोर गोयनका | (1) अभिमन्यु अनत : एक बातचीत (1985), (2) जिज्ञासाएँ मेरी : समाधान बच्चन के (1985)। |
रामधारी सिंह ‘दिनकर’ | वट पीपल (1961) |
ओमप्रकाश सिंहल | गद्य के नये आयाम (1981) |
उपेन्द्रनाथ ‘अश्क’ | कहानी के इर्द गिर्द (1971) |
केशवचन्द्र वर्मा | शार्टकट की संस्कृति (1973) |
कर्ण सिंह चौहान | साक्षात्कार : रामविलास शर्मा से बातचीत (1986) |
रत्ना लाहिड़ी | मूल्य : संस्कृति साहित्य और समय (1987) |
भारत यायावर | रेणु से भेंट |
कैलाश कल्पित | साहित्यकारों के संग (1887) |
शरद नागर और आनन्द प्रकाश त्रिपाठी | अमृत मंथन (1991) |
रामविलास शर्मा | मेरे साक्षात्कार (1994) |
समीक्षा ठाकुर | (1) कहना न होगा (1994), (2) बात बात में बात (2006)। |
कृपाशंकर चौबे | संवाद चलता रहे (1995) |
भीष्म साहनी | मेरे साक्षात्कार (1996) |
पुष्पा भारती | धर्मवीर भारती से साक्षात्कार (1998) |
प्रकाश मनु | (1) मुलाकात (1998), (2) रामविलास शर्मा : अंतरंग स्मृतियाँ व मुलाकातें। |
कमला प्रसाद | वार्तालाप (1998) |
निर्मल वर्मा | मेरे साक्षात्कार (1999) |
स्मिता मिश्रा | अंतरंग (1999) |
कुमुद शर्मा | गाँव के मन से रू-ब-रू : विद्यानिवास मिश्र (2000) |
अजय तिवारी | आज के सवाल और मार्क्सवाद (2000) |
विश्वनाथ प्रसाद तिवारी | मेरे साक्षात्कार (2002) |
बलराम | वैष्णवों से वार्ता (2002) |
केदारनाथ सिंह | मेरे साक्षात्कार (2003) |
हिमांशु जोशी | मेरे साक्षात्कार (2003) |
प्रभाकर श्रोत्रिय | मेरे साक्षात्कार (2003) |
राजेन्द्र यादव | (1) जवाब दो विक्रमादित्य (2003), (2) एंटन चेखव; एक इंटरव्यू |
लीलाधर जगूड़ी | मेरे साक्षात्कार (2003) |
मोहन राकेश | मेरे साक्षात्कार (2004) |
त्रिलोचन शास्त्री | मेरे साक्षात्कार (2004) |
श्रीलाल शुक्ल | मेरे साक्षात्कार (2004) |
दूधनाथ सिंह | कहा सुनी (2005) |
परमानन्द श्रीवास्तव | मेरे साक्षात्कार (2006) |
पुष्पिता | सांस्कृतिक के आलोक से संवाद (2006) |
कृष्णा सोबती और कृष्णबलदेव वैद्य | सोबती-वैद संवाद |
प्रेम कुमार | साधना से संवाद (2006) |
जयप्रकाश कर्दम | मेरे साक्षात्कार (2012) |